समय का जिद्दी पहिया
60 दिनों के इस बंदी के काल में जब आपका मन में परीछा होने न होने की आशंकाओं से जूझ रहा था. उस समय भी, समय ने अपनी चाल नही बदली, वह उसी गति से चलता रहा. यही वो बात है जो हम सब जानते हैं, हम रुक जाते हैं लेकिन वक़्त नही रुकता, पर फिर भी ना जाने क्यों हम इस बात पे कभी गौर नही करते. अपने मन में आने वाले उन सभी विचोरों को हम दबा देते जो हमें समय की महत्ता को याद दिलाती है. हम भूल जाते है विचारों को दबाने मात्र से आप अपने मन को अपने ही बनाये गए ताने-बाने से शांत तो कर लेते हैं लेकिन समय तो अपने कर्तव्य का पालन करना नही भूलता, वो अपने पहिये को घुमाता रहता है.
परीछा टल जाने की खुसी से
आसमान की उचाईयों से उड़ रहे आपके मन को अब समय ने यथार्थ की भूमि पे पटक दिया है. आयोग ने युद्ध का बिगुल बजा दिया है. हर महारथी को अपनी विजय पताका लहराने
की लिए उतना ही समय मिलेगा जितना आपको, अब आप पर सब कुछ निर्भर करता है की आप अपनी
तुणीर में कौन-कौन सा बाण ले की जाना चाहते हैं. आप कौन सी राजनीती अपनाना चाहते
हैं. ये निर्णय आपका है और आप बखूबी जानते हैं की आपके लिए क्या बेहतर रहेगा.
बात बहुत सरल है. अगर अपने
अब भी अपनी गैर जरुरी चीजों में समय बर्बाद करना बंद नही किया तो ये निष्ठुर
प्रतियोगी आपको किसी भी तरह का जीवन दान नही देगी. अपनी पूरी शक्ति को समेट कर फिर
से अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए कार्यरत होना ही एक मात्र विकल्प है.
मैंने अपनी बात कह दी,
निर्णय आपके हाथ में है, आज कुछ ऐसा निर्णय लें की जब समय अपने गर्भ से अपना
निर्णय सुनाये तो समय का सुनाया निर्णय भी आपके निर्णय के सामने विनीत सिर झुकाए
करबद्ध खड़ा हो.
धन्यबाद !!
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Bhai ab to update kardo 2019 ke exam ka vocab app pe ab to revise ka time aa gya hai
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